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जय सांई राम।।।"व्यर्थ में किसी से उपदेश प्राप्त करने का प्रयत्न न करो। मुझे ही अपने विचारों तथा कर्मों का मुख्य ध्येय बना लो और तब तुम्हे निस्संदेह ही...
जय सांई राम।।।"मेरे पास आओ, खुद को समर्पित करो, फिर देखो"....'सबको प्यार करो, क्योंकि मैं सब में हूं। अगर तुम पशुओं और सभी मनुष्यों को प्रेम करोगे, त...
जय सांई राम़।।।"इस विश्व में असंख्य सन्त हैं, परन्तु अपना पिता (गुरू) ही सच्चा पिता (सच्चा गुरू) है। दूसरे चाहे कितने ही मधुर वचन क्यों न कहते हों, पर...
कर्म पथ अति रहस्यपूर्ण है । यघपि मैं कुछ भी नहीं करता, फिर भी लोग मुझे ही कर्मों के लिये दोषी ठहराते है । मैं तो एक दर्शक मात्र ही हूँ । केवल ईश्वर ही...
जय सांई राम़।।।"मैं अपने गुरु के पास बारह वर्ष रहा। उन्होंने मेरा पालन पोषण किया। उनके पास भोजन और वस्त्र की कोई कमी नहीं थी। वे प्रेम से परिपूर्ण थे।...
जय सांई राम़।।।"'तुम कहीं भी रहो, कुछ भी करो पर याद रखो कि तुम जो भी करते हो वह मुझे मालूम है। मैँ प्रत्येक के हृदय में हूँ और सबका आन्तरिक शासक हूँ। ...
जय सांई राम।।।"जो मुझे अत्यधिक प्रेम करता है, वह सदैव मेरा दर्शन पाता है उसके लिए मेरे बिना सारा संसार ही सूना है। वह केवल मेरा ही लीलागान करता है। वह...
What Shri Sai Baba preached was actually quite simple. According to him, real sorrow is the cycle of birth and death and the real happiness is liberat...
जय सांई राम़।।।"जो दूसरों को पीड़ा पहुंचाता है, वह मेरे ह्रदय को दुःख देता है तथा मुझे कष्ट पहुंचाता है। इसके विपरीत जो स्वंय कष्ट सहन करता है, वह मु...
एक दिन दोपहर की आरती के पश्चात भक्तगण अपने घरों को लौट रहे थे, तब बाबा ने निम्नलिखित अति सुन्दर उपदेश दिया –तुम चाहे कही भी रहो, जो इच्छा हो, सो करो, ...
जय सांई राम़।।।जो मेरा स्मरण करता है, उसका मुझे सदैव ही ध्यान रहता है। मुझे यात्रा के लिए कोई भी साधन - गाड़ी, तांगा या विमान की आवश्यकता नही है। मुझे...
जय सांई राम़।।।"कर्म पथ अति रहस्यपूर्ण है। यद्यपि मै कुछ भी नही करता, फिर भी लोग मुझे ही कर्मों के लिये दोषी ठहराते है। मैं तो एक दर्शक मात्र ही हूं। ...
जय सांई राम़।।।"मेरे भक्तों को घर, अन्न तथा वस्त्रों का कभी अभाव नही होगा। यह मेरा बेशिष्टय है कि जो भक्त मेरी शरण आ जाते है और अंतकरण से मेरे उपासक ह...